जानें दिल्ली सरकार और एलजी के बीच किस बात पर ठनी है

जानें दिल्ली सरकार और एलजी के बीच किस बात पर ठनी है

एलजी विनय कुमार सक्सेना द्वारा दिल्ली सरकार को दरकिनार करके 7 मामलों में आरोपियों के खिलाफ सीआरपीसी के तहत केस चलाने के अनुमति देने पर दिल्ली सरकार ने चिंता जताई है। एलजी के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए दिल्ली सरकार ने इसे आपराधिक न्याय प्रणाली के ऊपर एक बड़ा संकट बताया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक, तीन दशकों से भी अधिक समय से दिल्ली में सीआरपीसी की धारा-196 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देने की शक्तियां चुनी हुई सरकार के पास निहित हैं, मगर एलजी ने इसकी अवहेलना करते हुए 7 मामलों में केस चलाने की अनुमति दे दी। किसी भी कानून या सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने की प्रवृत्ति रखने वाले एलजी के इस कदम ने ऐसे प्रतिबंधों को अमान्य कर दिया है, जिससे आरोपी अपराधमुक्त हो गए हैं।

किन-किन के खिलाफ चलेगा केस?
एलजी ने जिन 7 मामलों में अभियोजन की अनुमति दी है, उनमें ओंकारेश्वर ठाकुर द्वारा ट्विटर पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें नीलाम करने के आरोप का मामला, जेएनयू की छात्र नेता शेहला राशिद द्वारा ट्विटर पर भारतीय सेना की छवि खराब करने के आरोप में केस चलाने की अनुमति, अभिषेक मिश्रा द्वारा सोशल मीडिया पर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म के नाम पर दुश्मनी फैलाने के आरोप का मामला, नौ लोगों को पुरानी दिल्ली के एक मंदिर में पथराव और कांच की बोतलें फेंकने की सलाह देने का मामला, जफर इस्लाम खान पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप से जुड़ा मामला और नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के दंगों में आरोपी ताहिर हुसैन से जुड़ा मामला शामिल है।

दिल्ली सरकार ने जताया विरोध
दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 196 के तहत राज्य के खिलाफ किए गए अपराधों जैसे कि हेट क्राइम, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, घृणा से भरे अपराध, देशद्रोह, राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना, दुश्मनी को बढ़ावा देना आदि मामलों में कोई भी अदालत राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही संज्ञान ले सकती है। यह तीन दशकों से अधिक समय से दिल्ली में चली आ रही कानून प्रथा थी। पिछले सभी उप-राज्यपालों ने इसका पालन किया, लेकिन मौजूदा एलजी ने कानून विभाग की राय का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए मुख्य सचिव के माध्यम से सीधे फाइलें अपने पास मंगवाईं और सरकार को दरकिनार करके अवैध रूप से अभियोजन प्रतिबंधों को अधिकृत करके पूरी प्रक्रिया को उलट दिया।

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