हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में भारत सबसे आगे निकलेगा…

हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में भारत सबसे आगे निकलेगा…

केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत जॉन केरी से वार्ता की वार्ता

बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि भारत की हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सबसे आगे निकलने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उर्वरक और परिशोधन कार्यों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग की अनुमति देने का भी प्रस्ताव कर रहा है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के जलवायु मामलों के विशेष दूत जॉन केरी से बातचीत में यह बात कही।

बिजली मंत्रालय के शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, सिंह ने गुरुवार शाम को टेलीफोन पर केरी के साथ बातचीत में कहा कि भारत ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देने को लेकर अगले 3-4 महीनों में हरित हाइड्रोजन के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियां आयोजित करेगा। भारत 4,000 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर (हाइड्रोजन पैदा करने के लिए) क्षमता के लिए बोली मंगाने पर विचार कर रहा है।

उनके बयान के अनुसार, केरी ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भारत को बधाई दी। देश में 63 हजार मेगावाट क्षमता निर्माणधीन है, जबकि 25 हजार मेगावाट क्षमता बोलियों के अधीन है। इसको मिलाकर कुल नवीकणीय ऊर्जा क्षमता 1,46,000 मेगावाट पहुंच गई है।

बयान में कहा गया है, केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने केरी को हरित हाइड्रोजन में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख देश के रूप में उभरने की भारत की योजना के बारे में जानकारी दी।

भारत उर्वरक और परिशोधन क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव कर रहा है। यह धूसर (ग्रे) हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन से बदलने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। सिंह ने अमेरिकी दूत से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यावरण को सबसे अधिक महत्व देते हैं। उन्होंने केरी को सुझाव दिया कि भारत और अमेरीका विद्युत और प्रौद्योगिकी के लिए नवप्रवर्तन के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं।

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