किसानों ने 1 रुपए किलो बेचा, अब कीमत 100 पार : जानिए वजहें

1. टमाटर की मौजूदा महंगाई की सबसे बड़ी वजह भारी बारिश है। टमाटर जल्दी खराब होने वाली सब्जी है। इसलिए इसकी निरंतर सप्लाई जरूरी है। पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक, तेलंगाना समेत दक्षिणी राज्यों के साथ कुछ पहाड़ी राज्यों में भी भारी बारिश हुई है। इससे टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है और सप्लाई में बाधा आई है।

दिल्ली की आजादपुर थोक मंडी में टमाटर व्यापारी अशोक गनोर ने बताया कि जमीन पर मौजूद टमाटर के पौधे हाल की बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे। सिर्फ वे पौधे जो तारों के सहारे खड़े होते हैं, बच गए। यानी फसलों को नुकसान होने से सप्लाई प्रभावित हुई इसलिए कीमतें बढ़ गई हैं।

2. रबी के सीजन यानी दिसंबर-जनवरी में बोए गए टमाटर की फसल पर इस बार गर्मी की मार पड़ी। दक्षिण भारत में इसकी वजह से टमाटर में लीफ कर्ल वायरस से उसकी फसलों को काफी नुकसान हुआ। महाराष्ट्र में सर्दी कम पड़ने और मार्च-अप्रैल में अत्यधिक गर्मी की वजह से ककड़ी वायरस के हमले देखे गए। इस वजह से टमाटर के पौधे सूख गए।

नासिक की कृषि उपज मंडी में किसान अपने टमाटर बेचने पहुंचे। मंडी में टमाटर की बोली 1 रुपए प्रति किलो लगी। कई किसान मंडी में बेचने की बजाय टमाटर वहीं सड़क पर फेंक कर चले गए।

एक महीने बाद की विडंबना देखिए। किसानों से 1 रुपए किलो टमाटर खरीदने की खबर लिखने वाले न्यूजरूम के एक साथी कल बाजार से 110 रुपए किलो टमाटर खरीदकर लाए। सब्जी वाले ने उन्हें 10 रुपए डिस्काउंट देने का एहसान भी जता दिया।

कहा जा रहा है कि टमाटर की कीमतों में अचानक उछाल मानसून और बारिश की वजह से आई है। इस मौसम में टमाटर की कीमतें हर साल बढ़ती हैं।

टमाटर की कीमतों में उछाल की वजह जानने के लिए टमाटर की पैदावार को समझना जरूरी है। भारत में टमाटर की दो फसलें उगाई जाती हैं। एक रबी सीजन (दिसंबर से जनवरी में बुआई) और दूसरी खरीफ (अप्रैल-मई में बुआई) के सीजन में। टमाटर की फसल लगभग तीन महीने में तैयार हो जाती है और 45 दिनों तक इसे तोड़ने का काम चलता है।

रबी की फसल मुख्य रूप से महाराष्ट्र के जुन्नार तालुका, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और छत्तीसगढ़ में उगाई जाती है। इन इलाकों में 5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में लगाए टमाटर की फसल की सप्लाई मार्च से अगस्त तक होती है।

खरीफ की फसल उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के नासिक और देश के अन्य हिस्सों में उगाई जाती है। 8-9 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में लगाए गए टमाटर की फसल की सप्लाई देश भर के बाजारों में अगस्त के बाद से होती है।

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