दिल्ली AIIMS सर्वर 8वें दिन भी नहीं हुआ ठीक ,अस्पताल में इंटरनेट सेवाएं भी बंद

दिल्ली AIIMS सर्वर 8वें दिन भी नहीं हुआ ठीक ,अस्पताल में इंटरनेट सेवाएं भी बंद

दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सर्वर मंगलवार को लगातार सातवें दिन भी ठप रहा. आज 8वें दिन भी सर्वर ठीक होने की कोई संभावना नहीं है. हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सर्वर पर ई-हॉस्पिटल डेटा रिस्टोर कर लिया गया है.

वहीं, एम्स ने दो सिस्टम एनालिस्ट को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद निलंबित कर दिया. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों की सिफारिशों के अनुसार अस्पताल में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

बता दें, एम्स के सर्वर में सेंधमारी का 23 नवबंर की सुबह पता चला था. आशंका जताई जा रही है कि सेंधमारी के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि सर्वर डाउन होने के कारण इमरजेंसी सेवाएं, बाह्य रोगी, एडमिट मरीज और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट को मैनुअल मोड पर चलाया जा रहा है.

ऑनलाइन अपॉइंटमेंट से लेकर मरीजों की रिपोर्ट शेयर करने तक का काम मैनुअली किया जा रहा है. इस समय अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में काफी बढ़ गई है, क्योंकि ऑनलाइन अपॉइमेंट नहीं होने के कारण लोग सीधे अस्पताल पहुंच रहे हैं.

साइबर क्राइम का केस दर्ज
इंडिया कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस जांच की टीम रैंसमवेयर हमले की जांच कर रहे हैं. रैंसमवेयर हमले के कारण कंप्यूटर हैकर्स सर्वर को हैक कर लेते हैं और पैसे की डिमांड करते हैं. दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) टीम द्वारा 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर क्राइम का मामला दर्ज किया गया था.

साइबर सुरक्षा के लिए किए जा रहे उपाय
एम्स ने एक बयान में कहा, डेटा बहाली और सर्वर को दुरुस्त करने का कार्य प्रगति पर है. डेटा की संख्या और अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वर की बड़ी संख्या के कारण कुछ समय लग रहा है. साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं. हालांकि, पुलिस ने इन खबरों का खंडन किया है कि हैकर्स ने एम्स में सिस्टम को बहाल करने के लिए फिरौती के तौर पर क्रिप्टो करेंसी में 200 करोड़ रुपए मांगे हैं.

NIA भी कर रही जांच
एक सूत्र के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी भी एम्स का दौरा कर चुके हैं और मामले पर काम कर रहे हैं. एम्स ने कहा था कि डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के लिए भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की मदद मांगी गई है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जांच में शामिल हो गई है. इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और गृह मंत्रालय (MHA) के प्रतिनिधि पहले से ही इस घटना की जांच कर रहे हैं.

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