प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी वसूली के चलते पीड़िता के ट्विटर पर शिकायत करते ही अस्‍पताल ने लौटा दिए पैसे

प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी वसूली के चलते पीड़िता के ट्विटर पर शिकायत करते ही अस्‍पताल ने लौटा दिए पैसे

राजधानी लखनऊ में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी जारी है। मंगलवार को मड़ियांव स्थित निजी अस्पताल में मरीज से वसूली का मामला सामने आया। पीड़ित परिजनों की शिकायत पर सामाजिक कार्यकत्री ने उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से ट्वीटर पर शिकायत की। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने पीड़ित के रुपये लौटाए।

गोंडा निवासी राम प्यारी करीब दो माह से पेट दर्द की परेशान थीं। 24 मार्च को परिजन केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां मरीज को बेड नहीं मिला। भर्ती के अभाव में मरीज दलालों के चंगुल में फंस गई। परिवारीजन मरीज को मड़ियांव स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने गुर्दे में पथरी की शिकायत बताई। ऑपरेशन की सलाह दी। इस पर खर्च करीब 35 हजार रुपये बताया गया। मरीज के परिवारीजन फैजुल्लागंज के दाऊद नगर में रिश्तेदार के घर में रहकर इलाज करा रहे थे।

45 हजार और मांगे
पंक्चर बनाने का काम करने वाले बेटे दिलीप ने बताया कि डॉक्टर ने एडवांस में 35 हजार रुपये जमा करा लिए थे। गुर्दे की नली में रुकावट बताई। ऑपरेशन कर स्टंट डाला। फिर गुर्दे की पथरी के ऑपरेशन के लिए 45 हजार रुपये और मांगे। परिवारीजनों ने पैसे दे पाने में असमर्थता जाहिर की। बिना भुगतान डॉक्टर ने इलाज रोक दिया। बिना बकाया भुगतान मरीज को छोड़ने से भी मनाकर दिया।

इलाज में मनमानी और वसूली की शिकायत

पीड़ित परिवारीजनों ने फैजुल्लागंज में सामाजिक कार्यकत्री ममता त्रिपाठी से शिकायत की। ममता ने ट्वीटर पर पूरे मामले की शिकायत उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से की। ममता त्रिपाठी के मुताबिक ट्वीट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले का संज्ञान लिया। चिकित्साधिकारी डॉ. एपी सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने अस्पताल में फोन कर कार्रवाई करने की चेतावनी दी। साथ ही, पीड़िता का पूरा पैसा वापस करने के आदेश दिये। जिसके बाद, अस्पताल की ओर से पीड़िता को पूरा पैसा वापस कर दिया गया।

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