अर्जुन पुरस्कार विजेता खजान सिंह अदालत से दुष्कर्म के आरोप से हुए बरी..

अर्जुन पुरस्कार विजेता खजान सिंह अदालत से दुष्कर्म के आरोप से हुए बरी..

अर्जुन पुरस्कार व एशियाई खेलों में पदक विजेता केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) के मुख्य खेल अधिकारी खजान सिंह और एक अन्य व्यक्ति को अदालत ने एक महिला कांस्टेबल द्वारा दर्ज कराए गए कथित दुष्कर्म के मामले से बरी कर दिया है।

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने गुस्से में आकर आरोप लगा दिए थे। 30 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया था कि खजान और निलंबित कोच सरजीत सिंह केरिपुब के भीतर सेक्स रैकेट चला रहे थे।

2014 से 2017 के बीच तीन साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी नग्न तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी। उसने नवंबर 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में उसने बयान वापस ले लिया और कहा कि उसने टीम के एक सदस्य के साथ बहस करने के लिए अनुशासनहीनता के आधार पर विभाग की कुश्ती टीम से निकाले जाने के बाद गुस्से में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने बयान दिया कि सरजीत उस जांच दल के सदस्य थे जिसने उसे कुश्ती स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए अयोग्य ठहराया था।

खजान केरिपुब विभाग में मुख्य खेल अधिकारी थे। द्वारका स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लोकेश कुमार शर्मा की अदालत ने दोनों आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि उसकी गवाही से यह स्पष्ट है कि आरोपी व्यक्ति द्वारा किसी भी समय उसके साथ न तो दुष्कर्म किया गया था और न ही उसे धमकी दी गई थी। न्यायाधीश ने अपने आदेश में आगे कहा कि लोक अभियोजक द्वारा उससे जिरह के बाद भी आरोपी के खिलाफ कोई साक्ष्य सामने नहीं आया।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने अपने बयान में स्वीकार किया कि उसने गुस्से में आकर शिकायत की थी। उसने इस तथ्य को स्वीकार किया कि उसे उसके सहयोगियों ने उकसाया था। उसके बयान को देखते हुए आरोपी को उसके साथ बलात्कार करने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। इसलिए आरोपी बरी हो जाता है। ज्ञात रहे कि खजान सिंह ने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में रजत पदक जीता था, जो 1951 के बाद से तैराकी में भारत का पहला पदक था। केरिपुब ने खजान सिंह और सरजीत सिंह को प्रारंभिक जांच के बाद महिला कर्मियों के यौन उत्पीड़न के दोषी पाए जाने के बाद अप्रैल में निलंबित कर दिया था।

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