शिमला से भारत चीन सीमा लद्दाख वाया मनाली  राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण..

शिमला से भारत चीन सीमा लद्दाख वाया मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण..

हिमाचल प्रदेश के शिमला से भारत-चीन सीमा लद्दाख वाया मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग विकसित कर नई रोड कनेक्टिविटी बनाई जाएगी। जबकि निर्माणाधीन दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे को श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जाएगा। इस प्रकार पाकिस्तान-चीन बॉर्डर तक तेज गति से पहुंचने के लिए दो रोड कनेक्टिविटी बन जाएगी। इससे पहाड़ी राज्यों का सामाजिक-शैक्षणिक और आर्थिक विकास होगा।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जम्मू-कश्मीर व लेह-लद्दाख के दो दिन के प्रवास के दौरान पत्रकारों से ये बातें कही। उन्होंने कहा कि हिमालय की पहाड़ियों में राजमार्गों का जाल बिछाया जा रहा है। इसमें जम्मू-कश्मीर व लेह-लद्दाख में तीन साल में चार लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के नेशनल हाईवे संख्या-305 पर नई जलोड़ी टनल, कई मौजूदा हाईवे के विस्तार व नए हाईवे बना रही है। इस टनल से बर्फबारी में रोड कनेक्टिविटी बनी रहेगी। इससे देशी-विदेशी पर्यटकों व स्थानीय लोगों को सहूलियत होगी। वहीं, सैन्य वाहन, हथियार, रसद, सशस्त्र बलों के सीमा तक तेज गति से आवागमन से राष्ट्र सुरक्षा पुख्ता होगी।


जलोड़ी टनल से शिमला-मनाली की दूरी 44 किमी कम होगीजलोड़ी टनल (4.200 किमी) व औट-आनी-सैंज हाईवे परियोजनाओं की फिजिबिलिटी रिपोर्ट, डीपीआर बनाने के लिए सलाहकार नियुक्ति करने की प्रक्रिया चल रही है।

जलोड़ी टनल से शिमला-मनाली की दूरी 44 किमी कम हो जाएगी। जलोड़ी दर्रे में भारी बर्फबारी होने के कारण सर्दियों में कुल्लू जिले की रोड कनेक्टिविटी बाधित हो जाती है। 10,280 फुट की ऊंचाई पर बनने वाली टनल पर 500 करोड़ रुपये की खर्च होने का अनुमान है।

गडकरी ने बताया कि परवाणू-सोलन के बीच चार लेन का 39 किलोमीटर लंबा नया हाईवे बनाया जाएगा। इसकी लागत 1300 करोड़ रुपये है। हाईवे संख्या 305 के 97 किलोमीटर खंड को विकसित किया जाएगा। लेह-मनाली के बीच दो लेन हाईवे (474 किलोमीटर) बनाने का काम तेज गति से चल रहा ।

दिल्ली से कनेक्टिविटी के लिए सरकार लुधियाना-रोपड़ हाईवे को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (670 किलोमीटर) से जोड़ेगी। कटरा से श्रीनगर और श्रीनगर से लेह राष्ट्रीय राजमार्गों को विकसित किया जा रहा है।

गडकरी ने बताया कि सर्दियों में छह माह देश से कटे रहने वाले लेह-लद्दाख तक पहुंचने के लिए दो तरीके से रोड कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। यह सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।

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