रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति 18 जनवरी को गर्भगृह में रखी जाएगी। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई नीले पत्थर की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी। इसका वजन 150 से 200 किलो है। इसके बाद 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा।
आज से पूजन विधि शुरू: कार्यक्रम की तैयारियों के चलते 20 और 21 जनवरी को रामलला के दर्शन बंद किए गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि आज से शुरू होकर 21 जनवरी तक चलेगी। इससे पहले प्रतिमा की जलाधिवास, अन्नाधिवास, शैयाधिवास, औषधिवास, फलाधिवास पूजा होगी।
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और उससे पहले के सभी कार्यक्रम की पूरी जानकारी सामने आ गई है। 22 जनवरी को दोपहर 12.20 से 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास अपने विचार रखेंगे।