इस 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 146  गुमनाम बहादुर नायकों के सम्मान के लिए मोदी सरकार का एक बड़ा कदम

इस 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 146 गुमनाम बहादुर नायकों के सम्मान के लिए मोदी सरकार का एक बड़ा कदम


75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मोदी सरकार की आजादी के हीरो यानी ‘गुमनाम’ नायकों (स्वतंत्रता सेनानियों) को सम्मानित करने की योजना है। आजादी के शुभ अवसर पर इतिहास के पन्नों में कहीं गुम हो चुके ऐसे नायकों को मोदी सरकार सम्मानित करेगी।

75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मोदी सरकार का यह कदम आजादी के हीरो यानी ‘गुमनाम नायकों को एक बार फिर से उन्हें देश के लिए गौरवान्वित करेगी

अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में गुमनाम नायकों और कम प्रसिद्धि पाए समूहों और स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं को प्रदर्शित करने की योजना बना रही है। अधिकारियों ने बताया कि गुमनाम नायकों के भारत के स्वाधीनता संग्राम में योगदान को रेखांकित करने के लिए कई कार्यक्रम और व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे।सरकार ने ऐसे 146 गुमनाम नायकों और समूहों की एक सूची तैयार की है। सरकार ने आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के बैनर तले 75 क्षेत्रीय, छह राष्ट्रीय और दो अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों (सेमिनार) की योजना बनाई है। इन नामों को अलग-अलग सरकारी विभागों और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा संकलित किया गया है।

हालांकि, कुछ इतिहासकारों ने इस लिस्ट में सुभाष चंद्र बोस, बिरसा मुंडा और तात्या टोपे जैसी प्रसिद्ध हस्तियों की उपस्थिति की आलोचना की है और सरकार से सुधार का आह्वान किया है। सरकारी विभागों द्वारा संकलित सूची में जनसंघ के विचारक नानाजी देशमुख और हिंदू महासभा भी शामिल हैं।

आईसीएचआर के डायरेक्टर ओम जी उपाध्यान ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल मार्च में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75-सप्ताह के लंबे कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को हरी झंडी दिखाई, तो उन्होंने यजुर्वेद के एक श्लोक का उल्लेख किया। इसके माध्यम से मोदी जी ने संदेश दिया कि पिछले सात दशकों में हमने उन लोगों को सेलिब्रेट करने के कुछ अवसर गंवाए हैं, जिन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका के लिए अभी तक कोई सम्मान नहीं मिली है। इसलिए आईसीएचआर ने हमारे गुमनाम नायकों के जीवन और उनके योगदान का जश्न मनाने के लिए एक त्रि-स्तरीय कार्यक्रम की योजना बनाई है

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