डेडलाइन खत्म, 11 में से अबतक बने केवल तीन ऑक्सीजन प्लांट – कोरोना के खिलाफ ये कैसी तैयारी

डेडलाइन खत्म, 11 में से अबतक बने केवल तीन ऑक्सीजन प्लांट – कोरोना के खिलाफ ये कैसी तैयारी

Dillinews7

कोरोना की तीसरी लहर के बड़े खतरे के बावजूद जिले में अभी तक 11 के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ तीन ही ऑक्सीजन प्लांट बन पाए हैं। इनके लिए तीन बार की डेडलाइन बीत चुकी है। अब प्रशासन का दावा है कि अगस्त में सभी ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएंगे। हालांकि दूसरी लहर के दौरान जून तक ही काम पूरा करने का लक्ष्य था।

जिले में कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल महीने में शुरू हुई थी। डेढ़ महीने में कोरोना ने ऐसा कहर ढाया कि लोग ऑक्सीजन के लिए आसपास के जिलों तक भटकते रहे। अब एक बार फिर तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। इससे निपटने के लिए 16 मई को गाजियाबाद में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ ऑक्सीजन प्लांट एक जून तक शुरू करने की घोषणा की थी। 

जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना तैयार की थी। फैक्ट्री, शुगर मिल, कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से 11 स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट बनाने का प्रस्ताव तैयार भी किया गया। मई महीने में अफसरों ने जून महीने के अंत तक इन प्लांटों को चालू करने का दावा किया गया था। जून में पूरा न होने पर जुलाई में शुरू करने का दावा किया था। जुलाई भी बीत गया लेकिन अभी तक केवल तीन प्लांट ही चालू हो सकें हैं।

सरकारी अस्पताल में हैं 450 बेड

जिले के सरकारी अस्पतालों में 450 बेड है। इनमें सीएचसी पर 30 व बाकी अस्पतालों में 100 बेड की व्यवस्था है। कोरोना के पुराने अनुभव से पता चला है कि कोरोना के एक मरीज को दस लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) के हिसाब से ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। पहले सभी अस्पतालों में केवल आईसीयू बेड की क्षमता के अनुसार ही ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन फिर इसके बदलकर तय किया गया कि यदि दूसरी तहर की तरह आपात स्थिति आई तो सभी बेड पर ऑक्सीजन की जरूरत होगी। ऐसे में सभी 450 बेड के हिसाब से ही ऑक्सीजन प्लांट तैयार किए जाय। 

4500 एलपीएम की जरूरत अभी तक 850 की व्यवस्था 

जनपद में बेड के हिसाब से 4500 एलपीएम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए 11 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने हैं। पिछले ढाई माह में तीन ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो पाए हैं। इनसे केवल 850 एलपीएम ऑक्सीजन की व्यवस्था हो सकती है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि सभी प्लांट चालू होने के बाद बेड की क्षमता से ज्यादा ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी। सरकारी अस्पताल में किसी भी बेड पर ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। यदि अतिरिक्त बेड की भी जरूरत पड़ती है तो उसके लिए भी ऑक्सीजन की मात्रा प्रयाप्त होगी। बाहर से ऑक्सीजन मंगवाने की जरूरत नहीं होगी।

तीन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू 

जनपद में अभी तक केवल तीन सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट चालू हो सके हैं। ईएसआईसी राजेंद्र नगर में 150 एलपीएम, भोजपुर में 250 एलपीएम व जिला संयुक्त अस्पताल में 500 एलपीएम के एक-एक प्लांट लग चुके हैं। शेष अस्पतालों में अभी तैयारी चल रही है। बता दें कि डासना सीएचसी, मुरादनगर सीएचसी, मोदीनगर सीएचसी, लोनी सीएचसी, जिला एमएमजी अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है।

संयुक्त व एमएमजी अस्पताल में लगेंगे पीएम केयर फंड से प्लांट 

जनपद के दोनों सरकारी अस्पतालों में पीएम केयर फंड से एक-एक हजार एलपीएम क्षमता वाले दो प्लांट लगेंगी। अधिकारियों का दावा है कि इन प्लांट के लगने में अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन इसके लगने से संयुक्त जिला अस्पताल व एमएमजी अस्पताल में 100-100 बेड पर 10 एलपीएम की क्षमता से ऑक्सीजन की सप्लाई संभव को सकेंगी। यह दोनों प्लांट पूर्व में प्रस्तावित प्लांट से अलग हैं। इनके लगने के बाद सरकारी अस्पताल ऑक्सीजन को लेकर पूरी तरह आत्मनिर्भर हो सकेंगे। जरूरत पड़ने से दूसरे अस्पतालों व एंबुलेंस सेवा के लिए भी यहीं से ऑक्सीजन की व्यवस्था हो सकेगी।

ऑक्सीजन प्लांटों को लेकर प्रशासनिक दावे:- 

1-एमएमजी अस्पताल में पीएम केयर से 1000 एलपीएम का प्लांट अभी कागजी प्रक्रिया चल रही हैं 
2-संयुक्त जिला अस्पताल में 1000 एलपीएम का प्लांट अभी कागजी प्रक्रिया चल रही हैं 
3-मुरादनगर सीएचसी, विधायक कोटो से लगेगा, अभी निर्माण कार्य चल रहा है
4-डासना सीएचसी पर जमीन देर से मिली है अभी फाउंडेशन का कार्य चल रहा है
5-जिला महिला अस्पताल में निजी कंपनी सीएसआर फंड से लगाएंगी, प्यांट कोयम्बटूर से चल चुका है 
6-मोदीनगर सीएचसी में अगस्त महीने के पहले दूसरे सप्ताह तक प्लांट चल जाएगा।
7-लोनी सीएचसी पर प्लांट तैयार है अगस्त के पहले सप्ताह में चालू हो सकता है
8-एमएमजी अस्पताल में बीईएल कंपनी द्वारा प्लांट तैयार कर लिया गया है, जल्द शुरू होगा

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