घोटाले से पार्टी की छवि प्रभावित होने का जिक्र करते हुए राजनीतिक विश्लेषक मैदुल इस्लाम ने कहा कि मंत्रिपरिषद और पार्टी में फेरबदल तृणमूल कांग्रेस की छवि बदलने में मददगार साबित हो सकता है।
स्कूल भर्ती घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पार्टी अपने संगठन में आमूल-चूल बदलाव के साथ ही कैबिनेट में भी व्यापक फेरबदल करने की तैयारी में है। सूत्रों ने कहा कि फेरबदल का उद्देश्य स्कूल भर्ती घोटाले की जांच से प्रभावित हुई पार्टी की छवि को बदलना भी होगा। तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार, दोनों में प्रभावी भूमिका में रहे चटर्जी को गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से हटा दिया गया था और पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। ईडी ने मामले में पिछले सप्ताह चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। अर्पिता के फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है।
पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को संकेत दिया था कि जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल होगा। बनर्जी ने कहा था, ‘पार्थ दा को मंत्री पद से मुक्त कर दिया गया है। फिलहाल, मैं उनके मंत्रालयों को तब तक अपने पास रखूंगी जब तक कि कैबिनेट में फेरबदल नहीं हो जाता।’ इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, कैबिनेट में काफी समय से बदलाव की योजना बनाई जा रही थी, हालांकि, चटर्जी की गिरफ्तारी ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया।
चटर्जी के पास थे कई बड़े मंत्रालय
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘यह विचार 1960 की कामराज योजना पर आधारित है, जब कांग्रेस के कई शीर्ष मंत्रियों ने पार्टी के लिए काम करने के वास्ते इस्तीफा दे दिया था। पिछले साल पार्टी के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद हमारी इस योजना को आगे बढ़ाने पर बल दिया गया। अब समय ही बताएगा कि व्यापक फेरबदल होगा या केवल कुछ प्रमुख मंत्रालयों में बदलाव किया जाएगा।’ चटर्जी उद्योग, वाणिज्य एवं उद्यम और संसदीय मामलों सहित पांच प्रमुख विभागों के प्रभारी थे।
एक व्यक्ति, एक पद पर हो सकता है अमल
वरिष्ठ नेता ने यह भी बताया कि संगठनात्मक बदलाव पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी नेताओं के ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के आह्वान को प्रतिबिंबित कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी संगठन में भी बड़े बदलाव होंगे। ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति का सख्ती से पालन किया जाएगा। महासचिव जैसे कुछ पद, जो पार्थ चटर्जी के पास थे, को समाप्त किया जा सकता है। इन बदलावों को अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाएगा।’
महासचिव होने के अलावा चटर्जी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य और इसकी अनुशासन समिति के अध्यक्ष तथा पार्टी के समाचार पत्र ‘जागो बांग्ला’ के संपादक भी थे। बता दें कि इससे पहले भी चिटफंड घोटालों और नारद टेप मामले में कथित संलिप्तता के चलते तृणमूल कांग्रेस के चार सांसदों तथा मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर ने कहा, ‘जैसे ही हमें इस बारे में पता चला, हमने उनके खिलाफ कार्रवाई की। यह दर्शाता है कि पार्टी किसी भी तरह से भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती।’