केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत पूर्व सैनिकों के लिए पेंशन में संशोधन की प्रक्रिया जारी

केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत पूर्व सैनिकों के लिए पेंशन में संशोधन की प्रक्रिया जारी

भट्ट ने कहा कि ओआरओपी के तहत पेंशन का पुनरीक्षण हो रहा है और यह एक जुलाई, 2019 से प्रभावी माना जाएगा। उन्होंने ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का उल्लेख भी किया।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत पूर्व सैनिकों के लिए पेंशन में संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। भट्ट ने कहा कि ओआरओपी के तहत पेंशन का पुनरीक्षण हो रहा है और यह एक जुलाई, 2019 से प्रभावी माना जाएगा। उन्होंने ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का उल्लेख भी किया।

केंद्र सरकार ने ओआरओपी को लागू करने की घोषणा करते हुए 2015 में अधिसूचना जारी की थी। इसमें हर पांच साल पर पेंशन की समीक्षा करने का प्रावधान है।

आपको बता दें कि ओआरओपी को लागू करना 2013 में भाजपा द्वारा किया गया एक चुनाव पूर्व वादा था। सरकार ने नवंबर 2015 में मौजूदा ओआरओपी योजना को अधिसूचित किया था और इसे 1 जुलाई 2014 से लागू किया गया था। हालांकि, 2019 में इसमें संसोधन होना था, जो कि नहीं हुआ।

वन रैंक-वन पेंशन फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा 2015 में अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन सिद्धांत को बरकरार रखने के उसके फैसले के संबंध में दायर की गई पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने कहा कि इस फैसले में न तो कोई संवैधानिक कमी है और न ही यह मनमाना है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका में कोई दम नहीं है।

पीठ ने कहा, खुली अदालत में समीक्षा याचिका को सूचीबद्ध करने के आग्रह को खारिज कर दिया गया है। हमने पुनर्विचार याचिका और इससे जुड़े दस्तावेजों को ध्यान से देखा है। समीक्षा याचिका में कोई दम नहीं दिखा। कोर्ट ने केंद्र द्वारा अपनाए गए वन रैंक-वन पेंशन सिद्धांत को 16 मार्च को फैसले में बरकरार रखा था।

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