अमरनाथ यात्रा से पूर्व सुरक्षाबलों की बढ़ी चिंता,राज्य के माहौल को खराब करने के लिए आतंकवादी ले रहे टारेगट किलिंग का सहारा

अमरनाथ यात्रा से पूर्व सुरक्षाबलों की बढ़ी चिंता,राज्य के माहौल को खराब करने के लिए आतंकवादी ले रहे टारेगट किलिंग का सहारा

पहले 13 मई को कश्मीरी पंडित और सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या और फिर कश्मीरी अभिनेत्री अमरीन भट्ट की हत्या से साफ है कि आतंकवादी राज्य के माहौल को खराब करने के लिए टारेगट किलिंग का सहारा ले रहे।

जम्मू-कश्मीर में हाइब्रिड आतंकियों की गतिविधियों ने अमरनाथ यात्रा के पहले सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार हो रही घटनाओं के चलते सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने और आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। इस साल सुरक्षा बलों ने करीब 87 आतंकियों को मार गिराया।

सूत्रों का कहना है कि पहले 13 मई को कश्मीरी पंडित और सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या और फिर कश्मीरी अभिनेत्री अमरीन भट्ट की हत्या से साफ है कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के माहौल को खराब करने के लिए टारेगट किलिंग का सहारा ले रहे हैं

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकी के साथ-साथ, घरेलू स्तर पर तैयार हो रहे हाइब्रिड आतंकी बड़ी चुनौती बन रहे हैं। वे अलग-अलग तरीके से हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

आम नागरिकों की मौत
इस साल जनवरी से अब तक 16 आम नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि पिछले साल अक्तूबर से अब तक करीब 32 लोग आतंकियों के हाथों मारे गए। पिछले साल अक्तूबर में श्रीनगर में फार्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू की आतंकियों ने उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से कई घटनाएं हुई हैं। कश्मीरी पंडितों और गैर मुस्लिमों को आतंकियों ने ज्यादातर निशाना बनाया है।

आतंकियों पर सुरक्षा बलों का प्रहार
अगस्त, 2019 में धारा 370 हटाए जाने के बाद से इस साल 17 मई तक 530 आतंकी मारे गए हैं। बावजूद इसके नए आतंकी पनप रहे हैं।

हमलों में स्थानीय युवा शामिल
आतंकवादी ऐसे लोगों को आतंकी घटनाओं के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आमतौर पर स्थानीय हैं। वह पिस्टल से हमलाकर गायब हो जा रहे हैं और सामान्य जीवन जीने लगते हैं। ऐसे लोग आसानी से लोगों के बीच घुल-मिल जाते हैं। इनका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहता है। ऐसे में उनकी पहचान मुश्किल है। इस तरीके के दहशतगर्दों को हाइब्रिड आतंकी कहा जा रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादी टारगेट किलिंग के साथ-साथ स्टिकी बम को भी अपना नया हथियार बना रहे हैं। उनके निशाने पर अमरनाथ यात्रा है।

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