किसान 29 दिसंबर को सरकार से मिलने को राजी; राकेश टिकैत बोले- जान से मारने की धमकी मिल रही

किसान 29 दिसंबर को सरकार से मिलने को राजी; राकेश टिकैत बोले- जान से मारने की धमकी मिल रही

किसानों की शर्तें
1. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो।
2. मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में रहे।
3. कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजन किसानों पर लागू नहीं हों। ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए।
4. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।

किसान नेता का दावा- जान से मारने की धमकी मिल रही
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि बिहार से फोन आया था। कॉल करने वाले ने जान से मारने की धमकी दी। कॉल रिकॉर्डिंग पुलिस को भेज दी है। अब पुलिस तय करेगी कि क्या करना है।

किसानों ने कहा- सरकार आंदोलन को बदनाम करना बंद करे
किसानों ने सरकार को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें कहा है कि सरकार को पिछली मीटिंग्स के बारे में गलत जानकारी नहीं फैलानी चाहिए। सरकार की पूरी मशीनरी ने किसान आंदोलन को बदनाम करने की जो मुहिम छेड़ रखी है, उसे तुरंत बंद करना चाहिए।

किसानों का प्रपोजल

  • कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजंस किसानों पर लागू नहीं हों। इस ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए।
  • इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।

30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में टोल स्थायी तौर पर खुले रहेंगे। 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। हम दिल्ली समेत पूरे देश के लोगों से अपील करते हैं कि यहां आकर हमारे साथ नया साल मनाएं।

RLP ने NDA का साथ छोड़ा
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कृषि बिलों के विरोध में NDA से अलग होने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे गठबंधन से फेविकॉल से नहीं चिपके हैं, हमने किसानों से किया गया वादा निभाया है। किसानों के समर्थन में बेनीवाल अपने साथ राजस्थान के हजारों किसानों और RLP के कार्यकर्ताओं को लेकर दिल्ली रवाना होंगे।

भाजपा के पूर्व सांसद ने पार्टी छोड़ी
पंजाब के भाजपा नेता और पूर्व सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने किसानों के समर्थन में भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार और भाजपा नेता असंवेदनशील बने हुए हैं।

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