बिजली मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा का उपभोग बढ़ाने के लिए ऊर्जा संरक्षण (ईसी) अधिनियम 2001 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। यह कानून प्रतिष्ठानों तथा औद्योगिक इकाइयों में बिजली की कुल खपत में नवीकरणीय ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा तय करने से संबंधित है। इन संशोधनों का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के उपभोग को बढ़ावा देना है।
बिजली मंत्रालय ने बयान में कहा, ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों तथा जलवायु परिवर्तन के बीच सरकार नवीकरणीय ऊर्जा की पहुंच बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों की पहचान कर रही है। इसके तहत ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव है। इन संशोधनों से उद्योग, भवन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा की मांग बढ़ाई जा सकेगी।
इसमें किसी औद्योगिक इकाई या प्रतिष्ठान की कुल बिजली की खपत में नवीकरणीय ऊर्जा का न्यूनतम हिस्सा परिभाषित करने का प्रस्ताव भी है। सरकार कॉर्बन बचत प्रमाणपत्रों के जरिए भी स्वच्छ ऊर्जा संसाधनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देगी।
बिजली मंत्री आरके सिंह ने हाल में इन प्रस्तावों की समीक्षा की थी। उन्होंने इस बारे में संबंधित मंत्रालयों/ विभागों तथा राज्य सरकारों से टिप्पणियां और सुझाव मांगने का निर्देश दिया था। इसके बाद बिजली सचिव आलोक कुमार की 28 अक्तूबर को संबंधित मंत्रालयों तथा संगठनों के साथ हुई बैठक में ईसी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप दिया