हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोरोना मरीज होम आइसोलेशन के तहत सात से 10 दिनों में केवल एक तिहाई संपर्कों को संक्रमित कर सकते हैं। इस प्रकार ऐसे रोगियों के लिए विशेष कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह जानकारी एक अध्ययन के निष्कर्ष में दी गई।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और दिल्ली सरकार के सहयोग से यह अध्ययन किया।
28 दिसंबर, 2020 और 28 जून के बीच किए गए अध्ययन में मध्य और पूर्वोत्तर जिलों के 109 परिवारों को शामिल किया गया। अध्ययन से पता चला कि सेकेंडरी अटैक रेट (एसएआर) का अनुमान 13.86 फीसदी और सेकेंडरी इंफेक्शन रेट 33.16 फीसदी था।
रोगसूचक और स्पर्शोन्मुख होने वाले माध्यमिक मामलों का अनुपात क्रमशः 34.78 प्रतिशत और 65.22 प्रतिशत था। एमएएमसी के समुदाय विभाग की प्रोफेसर प्रज्ञा शर्मा ने कहा कि अध्ययन के निष्कर्ष से चलता है कि प्राथमिक मामले के संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों को यह बीमारी नहीं होगी।