कोविशील्ड को मान्यता लेकिन ब्रिटेन की सूची में भारत का नाम नहीं

कोविशील्ड को मान्यता लेकिन ब्रिटेन की सूची में भारत का नाम नहीं

ब्रिटेन ने अपने यात्रा नियमों में बदलाव करते हुए भारत में निर्मित कोरोना रोधी वैक्सीन ‘कोविशील्ड को स्वीकृति दे दी है। लेकिन, बिना क्वारंटीन के यात्रा करने वाली 17 देशों की सूची में भारत का नाम अभी भी नहीं है। ऐसे में भारतीय नागरिकों को इस फैसले से कुछ राहत मिलने वाली नहीं है। उन्हें कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक लगाने के बावजूद 10 दिन क्वारंटीन रहना ही होगा।

ब्रिटेन के उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा है कि हम इसे लेकर भारत सरकार के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं कि हम किस तरह उन लोगों तक ब्रिटेन के वैक्सीन प्रमाणीकरण की मान्यता को विस्तारित कर सकते हैं, जिन्हें भारत में संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय की ओर से टीका लगाया गया है। ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा, ब्रिटेन जितनी जल्दी हो सके अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से खोलने के लिए प्रतिबद्ध है। यह घोषणा सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए लोगों को सुरक्षित और अधिक स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए एक और कदम है। ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा, हम लगातार भारत सरकार के संपर्क में हैं, ताकि ब्रिटेन के सर्टिफिकेशन सिस्टम का दायरा बढ़ाने का रास्ता तलाश सकें।

-ऐसा समझा जा रहा है कि ब्रिटिश सरकार ने नई गाइडलाइन में भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर आशंका जाहिर की है। ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा है कि मुख्य मुद्दा टीका प्रमाणन का है न कि कोविशील्ड टीके का। भारत और ब्रिटेन इस मुद्दे का परस्पर हल ढूंढने के लिए संवाद कर रहे हैं।

ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश, जो 4 अक्तूबर से प्रभाव में आएंगे, का जिक्र करते हुए अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि लंदन को कोविशील्ड से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन भारत में टीका प्रमाणन से जुड़े कुछ मुद्दे हैं। नये दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा, ब्रिटेन आने वाले भारतीय यात्रियों को प्रशासन द्वारा तय गैर टीकाकृत नियमों का पालन करना ही चाहिए।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ आरएस शर्मा ने बुधवार को कहा कि वह भारत के कोविड-19 वैक्सीन प्रमाणन के बारे में ब्रिटेन द्वारा उठाई जा रही किसी भी चिंता से अवगत नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोविन प्रणाली डब्ल्यूएचओ के अनुरूप है।

सीईओ ने कहा, ब्रिटिश उच्चायुक्त ने 2 सितंबर को मुझसे मुलाकात की थी। वे कोविन प्रणाली के बारे में जानना चाहते थे। इसलिए हमने उनकी तकनीकी टीम को अपनी तकनीकी टीमों से मिला दिया था। इसके बाद दोनों के बीच दो दौर की वार्ता हुई। दूसरा दौर तो एक दिन पहले ही संपन्न हुआ। उन्होंने आगे कहा कि को-विन सिस्टम डब्ल्यूएचओ के अनुरूप है। अब तक उन्हें विदेश मंत्रालय या ब्रिटिश उच्चायोग से किसी भी चिंता के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। (एजेंसी)

परामर्श में कहा गया है, एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्ना टाकेडा जैसे चार टीकों को स्वीकृत टीकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया ।

भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन प्रस्थान से तीन दिन पहले एक कोविड-19 परीक्षण करना होगा और इंग्लैंड आगमन पर दो कोविड-19 परीक्षणों के लिए अग्रिम बुकिंग करनी होगी। इसके बाद इंग्लैंड पहुंचने पर यात्रियों को 10 दिनों के लिए अपने यात्री लोकेटर फॉर्म पर तय जगह पर पृथकवास में रहना होगा। पृथकवास के पांचवें दिन ‘टेस्ट टू रिलीज विकल्प के तहत 10-दिवसीय क्वारंटीन को जल्दी समाप्त करने की व्यवस्था दी गई है। खुद के खर्च पर पीसीआर परीक्षण कराना होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने पर क्वारंटीन से राहत मिल जाएगी।

विदेश सचिव ने जताई नाराजगी–

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयार्क में ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रूस के सामने कोविडशील्ड टीका लगवा चुके यात्रियों को पृथक-वास में भेजने का मुद्दा उठाया था। मंगलवार को यात्रा नियमों के संबंध में भारत को सूची से बाहर किए जाने पर विदेश सचिव हर्षवर्द्धन शृंगला ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर ब्रिटेन ने मांग नहीं मानी तो भारत भी कोई दूसरा रास्ता अपना सकता है।

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