तीसरी लहर से बचने के लिए हमारे त्योहारों में  उचित सुरक्षा आवश्यक..

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नई दिल्ली।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा तब होगा अगर लोग आने वाले त्योहारों के मौसम में नियमों का पालन करना भूल जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर के संबंध में वायरस का एक नया स्वरूप निर्णायक साबित हो सकता है क्योंकि त्योहारों के दौरान भीड़ में इसके तेजी से फैलने की संभावना अधिक होगी। इसलिए इस दौरान लोगों का कोविड व्यवहार बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

महामारी का गणितीय मॉडल बनाने में शामिल एक वैज्ञानिक ने अगस्त में आशंका जताई थी कि यदि भारत में वायरस के मौजूदा स्वरूपों से अधिक संक्रामक कोई स्वरूप सितंबर तक सामने आता है तो अक्टूबर से नवंबर के बीच कोविड-19 की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है। हालांकि इसकी तीव्रता दूसरी लहर के मुकाबले कम रहने की संभावना व्यक्त की गयी थी।


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नई दिल्ली
महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए त्योहारों के मौसम में उचित व्यवहार जरूरी: विशेषज्ञ
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली
Published By: Newswrap
Fri, 17 Sep 2021 09:10 PM
महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए त्योहारों के मौसम में उचित व्यवहार जरूरी: विशेषज्ञ
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निर्णायक साबित होगा वायरस का एक नया स्वरूप

भीड़ में इसके तेजी से फैलने की संभावना अधिक

नई दिल्ली। एजेंसी

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा तब होगा अगर लोग आने वाले त्योहारों के मौसम में नियमों का पालन करना भूल जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर के संबंध में वायरस का एक नया स्वरूप निर्णायक साबित हो सकता है क्योंकि त्योहारों के दौरान भीड़ में इसके तेजी से फैलने की संभावना अधिक होगी। इसलिए इस दौरान लोगों का कोविड व्यवहार बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

महामारी का गणितीय मॉडल बनाने में शामिल एक वैज्ञानिक ने अगस्त में आशंका जताई थी कि यदि भारत में वायरस के मौजूदा स्वरूपों से अधिक संक्रामक कोई स्वरूप सितंबर तक सामने आता है तो अक्टूबर से नवंबर के बीच कोविड-19 की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है। हालांकि इसकी तीव्रता दूसरी लहर के मुकाबले कम रहने की संभावना व्यक्त की गयी थी।


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भीड़ में और तेजी से फैल सकता है डेल्टा वायरस।
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्शदाता समूह के कोविड-19 कार्यसमूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि तेजी से टीकाकरण और सार्स-सीओवी-2 के किसी नए स्वरूप के सामने नहीं आने के बाद अब सामाजिक और धार्मिक आयोजनों से उन लोगों के बीच डेल्टा वायरस तेजी से फैल सकता है जिन्हें अब भी संक्रमण का खतरा है। इसलिए इस बात की पुरजोर सलाह दी जाती है कि लोग पूरी ईमानदारी से कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाएं तथा प्रशासन सामाजिक एकत्रीकरण को हतोत्साहित करने के लिए कड़े कदम उठाए।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस समय कोविड-19 के मामलों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है और स्थिति काफी बेहतर है। हालांकि आने वाले दिनों में त्योहारों के मौसम तथा उस दौरान कोविड संबंधी तौर-तरीकों के पालन में आने वाली कमी, बड़े स्तर पर भीड़ का जुटना भी तीसरी लहर को लेकर निर्णायक कारक साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन महीने देश में स्थिति बेहतर बने रहने के लिहाज से रोकथाम वाली रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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